Tuesday, December 31, 2013

ranjish hi sahi

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ

हर राह जिस से हम साथ गुज़रे कभी
उन गलियों से मुझे घर छोड़ के जाने के लिए आ


हर शाम शमा जलाता हूँ अपनी मज़ार पे मैं
आ फिर तू किसी ग़ैर को जलाने के लिए आ


Sunday, December 29, 2013

नुख्सान

इस इश्क़ - बाज़ारी में फ़क़ीर
कभी तो नुख्सान होना ही था

"ये शायरों की तरह पहेलियाँ मत बुझाओ यार"
"सीधा बताओ तो ऐसा क्या नुख्सान हो गया"

अरे कुछ नहीं
पहली दफ़ा ग्राहकी की हो जैसे
इस उम्र में भी बचकाना हरक़त कर दी
जो दिया उसने
बस झोले में डाला और चले आये
अबे क्या छूट गया वो तो देख लेते
हर बार कटा के चले आते हैं
अब चैन-ओ-सुकूँ जो गया
सो गया
निक्कम्मे हम दिल के मारे हम
ये सौदा उस पर आसान होना ही था

बहुत समझा के निकले थे ख़ुद को
बेटा सौदेबाज़ी है
जज़्बात की तुनतुनी न बजाने लगना
लो बज गयी न तुनतुनी
घर पहुंचे तो देखा
हर पल का इंतज़ार साले ने लिफ़ाफ़े में डाल कर दे दिया
अबे जब इश्क़ ज़िन्दगी बदलेगा
साथ मौत का सामान होना ही था

चलो कोई नहीं
लिफ़ाफ़ा सम्भालो।  मेज़ पर रखो।
पैर पसारो और हाथ सर के पीछे चढ़ा दो
निकालो Diary
अब पढ़ो शायरी
तुम साले अब लिखो शायरी
आशिक़ बनने का शौक़ है न बे
तो कहीं न कहीं
शायरी का अरमान होना ही था।

क्या समझे?
ख़ैर छोड़ो
सब समझ के हमने क्या उखाड़ लिया ?
अब भी खुद को नसीहत ही देते हैं
जीता वो करे, जो सब कुछ हार सके
इश्क़ वो करे , जो मन को मार सके
इश्क़ सा सुकूँ  न कुछ में
दुनिया को परेशान होना ही था।

Monday, August 26, 2013

गोटे काटो

एक क़त्ल का हक़ तो बनता है
जैसी अब Situation है।

साली शुरुआत ही ऐसी हुई थी

दुर्योधन ने जांघ पर, बैठने को जब कहा था
ज़रा झटके से जाँघों के बीच
बैठ जाती जो  द्रौपदी
क्या महाभारत होती
शरीर की सबसे नाज़ुक हड्डी
टूट के हाथ में होती।

कृष्ण ने तो उल्टा मज़ा बढ़ा दिया
क्या घंटा जांघ पे बैठने से बचा लिया?

तभी बात सुलट जाती
जब उठा ले गया था रावण
साला एक लात नाभि के 4 inch नीचे
ज़रा ज़ोर से मार देती मय्या सीता
ऐसी मय्या होती उसकी
निकालने के डर से साला
कभी पानी न पीता।

व्यास और वाल्मीकि को ये मंज़ूर नहीं था शायद
लगता है दोनों को गोटों पर घमंड था।
साला दोनों के पास एक ल*& था।
 अपने हिस्से में सुख
औरत को दर्द ही रखता है
क्या करें साला अपने देश में
औरत की कहानी मर्द ही लिखता है

कहने को लाखों हैं देवियाँ
पर कहने में ये क्यूँ होता है
की भगवान् बनाता है।
किसने लिंग देखा है उसका ?

अगर अलग line होती है औरतों की
तो एक क़त्ल का हक़ तो बनता है
Womens' Quota अगर मिलता है उनको
तो एक क़त्ल का  हक़ तो बनता है

जैसी अब Situation है भाई
राह चलते गोटे काटो
Comment मारे तो गोटे काटो
सीटी मारे तो काटो गोटे
नज़र उठाये तो गोटे काटो
जमा कर लो सारे तुम
एक एक bag भर के गोटे बाँट दो
हर सरकारी Office में
हर Police Station में
हर राखी पे येही बांधो तुम
जहाँ लगने चाहिए थे
ये वहीँ नहीं हैं

अब एक ही नारा लगाओ नारी
भारतीय नारी! सबकी मारी।

Monday, August 12, 2013

नाम न पूछो अब मेरा, मज़हब मेरा इश्क़
काम न पूछो अब मेरा, मतलब मेरा इश्क़

Monday, June 24, 2013

अण्डों का Rack

आज Fridge के, अण्डों के rack में नीम्बू पड़े थे

फिर?

 हमने कहीं न कहीं
यकीन भर रखा है
किसी इंसान में, किसी भगवान् में
किसी रिश्ते में, किसी फ़रिश्ते में
इस यकीन के क्या मायने हैं ?
साला इसी ने डर भर रखा है

अब बात चली है तो बिल फाड़ ही देते हैं
इस डर को यकीन की आड़ ही कहते हैं
पर डर किसी रिश्ते के टूटने का नहीं
किसी फ़रिश्ते के रूठने का नहीं
डर है दर्द से
अपने दर्द से

ये बात भी कोई नयी तो नहीं
जो सब कह चुके वही कही
फिर भी शायद किसी ने सुनी न हो
या तो यूँ कह लो
ब्रह्मा ने दुनिया रची ही न हो
घोर पाप

कुछ लिखा था तो शिर्डी ले गया
साईं चरण लगाने
सब बोले अब तो निकल पड़ेगी
फिर सार कुछ बदल गया
रचना  में प्रलय आ गयी जैसे
फिर भी
सब बोले अब तो निकल पड़ेगी
सब साईं ने बदल दिया
सब साईं ने बदल दिया
संगीन है। यकीन है।

अरे ये क्या पाप हो गया मुझसे
भरोसे  को यकीन कह गया
इस देश में शब्दों से अ ... मतलब लफ़्ज़ों से
मज़हब जांच लेते हैं लोग
महीन हैं। यकीन है।

अब जांचते हैं तो जांचा करें
यकीन से कई शब्द तुक खाते हैं
अब कविता में भरोसा लिखूं तो?
खैर इतने में मैंने खुद को
एक गर्म समोसा परोसा, और सोचा
के छोडो भरोसा, यकीन ही बेहतर है


हाँ तो हुआ ये
कि आज Fridge के अण्डों के rack में नीम्बू पड़े थे
थोड़ी मुश्किल हुई
पर मैंने नीम्बू उठाये और rack में अंडे रख दिए
भई जगह तो अण्डों की थी न
वहां  नीम्बू क्यूँ बैठेंगे ?
पर पहले तो हमेशा नीम्बू ही रहते थे
और अगर मॉस मच्छी का घर न होता तो ?
तो नीम्बू रहते। और क्या ?
पर अब अंडे हैं
छोडो न
कौन सा मंदिर गिरा के मस्जिद बनाया है